मालव राग का अर्थ
[ maalev raaga ]
मालव राग उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- शास्त्रीय संगीत में मालव राग उत्तम शैली का राग है , इसका गायन समय संध्या काल माना जाता है।
- जहाँ राधा कृष्ण से मिलने के लिए व्याकुल होकर अपनी सखी से पीड़ा का वर्णन करती है , वहाँ जयदेव ने रस के अनुरूप मालव राग का उपयोग किया है।
- मालव राग की वह बंदिश आज , मैं भी कभी-कभी अपनी इस जनशून्य कोठी में , ठीक वैसे ही दोहरा उठता हूँ , अन्तर यही है तब इस कोठी की दीवारें मेरे पिता के रौबीले कंठस्वर में काँपती थीं , आज स्वयं मैं काँपने लगता हूँ।